हेलो दोस्तों,
मेरा नाम विशाल है और मै महाराष्ट्र का रहनेवाला हु, दोस्तों आज मई आपको मेरी भाभी के साथ हुई चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हु। हलाकि ये मेरे पहिली कहानी है पर आप टेंशन न लेना मेरी ऐसी बहुत सारी कहानिया है जो सच्ची घटनाओं पर आधारित है। तो दोस्तों चलिए कहानी को सुरुवात करता हु।
ये बात तब दिनों की जब मई ११ वी में पढ़ता वो नया नया कॉलेज जाने लगा था। कॉलेज को सुरु हुए कुछ तीन चार महीने ही हुए थे। पर कॉलेज का मोहोल ही कुछ अलग होता है दोस्तों हर तरफ हरियाली ही हरयाली, हरयाली मने लड़किया वो भी एक से भड़कर एक। स्कूल में इतना मज़ा कहा वह लडकिया तो होती थी मगर पूरा सर से पाँव तक कपडे पहनती थी। पर यहाँ तो कुछ अलग ही माहौल था। वैसे मै थोड़ा शाय टाइप लड़का का था क्यूंकि स्कूल में या गांव ज्यादा लड़कियों से बात नहीं करता था। सारा दिन पढाई में जाता था, क्यूंकि आगे जाके इंजीनियरिंग जो करनी थी।
तो ऐसी मस्ती में दिन बीत रहे थे की अचानक पापा की नौकरी के लिए दूसरी जगह ट्रांसफर हो गयी। मेरा सारा मूड खराब हो गया क्यूंकि अभी किधर तो जिंदगी में मज़ा आने लगा था पर हमारी ख़ुशी किसीको दिखाई नहीं जाती। पर मेरे भाग्य खुल गए दोस्तों, पापा ने मुज़े वही रुकने को कहा क्यूंकि अब तो लगभग आधा साल बीत चूका था। तो मै भी खुश हुआ पर माँ को एक परेशानी थी की खाने का कैसे करे, फिर फाइनली सबको एक सोलुशन मिल गया वो ये था की मुझे अपने चचेरे भाई के यहाँ जाना था। उनका घर हमारे घर से दो किलोमीटर दूर था। पर कोई बात नहीं में बोलै ठीक है, ऐसे तो ऐसे सही। आखिर वो दिन आ गे अजब सब घर के लोग जाने के लिए निकल पड़े। पर जाते जाते माँ मुज़हे बोली की निशा भाभी तुझे लेने के लिए आ जाएगी।
तो दोस्तों या सुरु होती है कहानी की असली सुरुवात, मै कॉलेज से जब आया तो एक जवान खूबसूरत भाभी हमारे घर के पास खडी थी और किसी का इंतजार कर रही थी। मैंने उनको देखा और देखते ही रह गया। क्या फिगर थी भाभी। मस्त सुडौल गांड, कमर एकदम पतली कमर पर एक तिल था क्या कमर थी एकदम सफ़ेद, स्लीवलेस ब्लाउज वो भी वॉइलेट कलर का और पिंक कलर की साड़ी। अरे बाबा क्या कमल लग रही थी पीछे से। अचानक से वो पीछे मुड़ी और मेरी तरफ देखने लगी, जैसेही उन्होंने देखा मै एकदम से घबरा गया क्यूंकि और कोई नहीं बल्कि निशा भाभी थी। निशा भाभी पास आयी और बोली कितनी देर लगा दी आने में, मै तुम्हारा ही इंन्तजार कर रही थी। मुझे किधर बोलै जा रहा , मेरी तो जैसे मनो बोलती बंद हो गयी थी। शरीर एकदम पसीना पसीना हो गया , ये देखकर निशा भाभी पास आयी और बोली दर क्यों रहे हो। मै कोई भूत थोड़ी हु, जो इतना डर रहे हो। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और घर ले जाने लगे, जाते जाते बोली की जल्दी से तुम्हारा सामन पैक कर लो हमें घर जाना है। जैसे ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा मेरे पुरे शरीर में तो जैसे करंट ही लगा हो, क्यूंकि किसी दूसरी औरत ने मुज़हे पहिली बार छुआ था। मैने भाभी ऐसी नजर पहले कभी नहीं देखा था , क्यूंकि हमारी कभी इतनी बात भी नहीं हुई और मिलाना भी नहीं था। मैने अपना बैग पैक किया और रेडी हो गया पर मन से भाभी का खयाल जा ही नहीं रहा था क्यूंकि अभी तो मैंने उन्हें सामने से भी देखा था। वो उनके बूब्स मनो कोई बड़ा आम हो, उनका वो गोरा चिकना पेट साफ़ दिख रहा था। मुज़से रहा नहीं गया और मै बाथरूम में जाकर हिलाकर आ गया। जैसेही बाहर आया भाभी बोली क्या कर रहे थे इतने देर से अंदर और हँसाने लगी। मै शरम से एकदम लाल लाल हो गया।
वो देखकर भाभी एकदम शांत हो गयी और उन्होंने मुझे सॉरी बोला, मैने भाभी को बोला उसमे इतनी क्या बात है आप टेंशन न लो। तो भाभी हसते हुए बोली अच्छा, तो अब चले। मैंने भी है कर दी और हम लोग भाभी के घर चले गए। करीब १५ मिनिट बाद हम लोग घर पोहोच गए। भैया ने बहुत ही अच्छा घर बनाया था। भैया उधर सोफे पर बैठे और किधर जाने की तैयारी कर रहे थे, पूछने पर पता चला की वो काम की वजह से बंगलोर जा रहे थे १५ दिन के लिए। कुछ समय भैया निकल गए और जाते जाते उन्होंने कहा की भाभी का खयाल रखना मैंने भी उनको है करदी। थोड़ी देर में भाभी आयी, उन्हें देख मेरे होश उड़ गए क्या गजब लग रही थी। उन्होंने अब नाईट गाउन पहना हुआ था और शायद ब्रा भी नहीं पहनी थी क्यूंकि उनके स्तन का उठाव साफ़ दिख रहा था। मई देख ही रहा था की उन्होंने मुज़हे टोका और कहा क्या देख रहे, तो मैं एकदम हड़बड़ा सा गया। मेरी ये हालत देख वो हँसाने लगी और कहा चलो भूक लगी होगी खाना खा लेते है।
तो दोस्तों मैं आपको भाभी के बारे में बताना ही भूल गया। तो मेरे भैया की कुछ तीन साल पहले ही शादी हो गयी थी, घर में बस भैया और भाभी ही रहते है। भैया माता पिता गांव में रहते है, उनका कभी कभी आना जाता रहता है। तीन साल हो गए लेकिन भाभी को संतान नहीं हुई, क्यूंकि भैया करियर को लेके ज्यादा सीरियस रहते थे। तो ये थी भाभी की कहानी।
तो खाना कहते हुए मैं और भाभी इधर उधर बाते कर रहे थे, हम दोनों अभी काफी फ्रैंक हो गए थे। हमारा खाना हो गया और भाभी अपना काम निपटा के हॉल में आ गयी। फिर हम लोग टीवी देखने लगे, टीवी पर कुछ ऐसे खास प्रोग्राम नहीं थे, पर दूसरे रविवार था इसलिए सब आराम से चल रहा था। अचानक से भाभी ने पुछा की विशाल तुम मुझे सच सच बताना शाम जब मैं तुम्हारे पास आयी तो क्या देख रहे तुम, उनके इस सवाल से मैं फिर टेंशन में आ गया। मैंने कुछ नहीं बोला, तो ये देख भाभी मेरे पास आयी और बोली इस उम्र में ये सब चीजे नार्मल है उसमे डरने की कोई बात नहीं है। अभी तुम जवान हो तो ये होना स्वाभाविक है। भाभी की इस बात से मैं एकदम चकरा गया, मुझे कुछ समज में ही नहीं आ रहा था।
तो ये देख भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा डरो मत मैं तुम्हे कुछ नहीं करुँगी। फिर मेरी ये हालत देख उन्होंने दूसरा विषय छेड दिया, वो बोली कॉलेज में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है, तो मैंने नहीं कहा और फिर शर्म के मारे लाल हो गया। वो तुम इतने अच्छे हैंडसम हो फिर भी कोई नहीं मैं होती तो तुम्हे पहले ही प्रपोज कर देती। ये देख मैं समाज गया की भाभी के इरादे कुछ ठीक नहीं है। मैंने भी भाभी को छेड़ते हुए कहा वो तो आप अभी भी कर सकते है, क्यूंकि आप बहुत ही जवान और खूबसूरत हो। ये सुन भाभी बोली अच्छा तुम तो मेरी तरफ देखते भी नहीं हो। ये बस भाभी की तरफ से इशारा था की आ अब तो चुदाई करते है।
मैंने भाभी को कहा की क्या मैं सच में अच्छा लगता हु तो भाभी ने कहा हां और वो हँसाने लगी हसते वक्त उनकी आँखे बहुत ही नशीली दिख रही। मैं इधर उधर नहीं देखा सीधा भाभी को किस कर दिया, मेरा ये हमला देख भाभी एकदम चौंक गयी और गुस्से से मुज़हे देखने लगी बोली ये क्या कर रहे हो। तो मैंने बोल दिया की आप मुझे बहुत अच्छी लगते हो, मई आपको पसंद करने लगा हु। भाभी बोली अगर पसंद करते हो ऐसे किस कोई करता है। थोड़ा प्यार से करो ना, ये सुन मई चौक गया मुज़हे लगा आगे अब कोई होप नहीं बची पर भाभी ने नया रास्ता दिखा दिया। मैंने उनको कहा की आप ही सीखा दो मुझे, तो वो हँसने लगी और बोली पहले ब्रश करके आओ फिर सिखाती हु। मेरी लॉटरी ही थी क्यूंकि मेरा ये पहली बार ही था , मैं झट से ब्रश करके आ गया।भाभी सोफे पर ही बैठी थी।
भाभी मुझे देख स्माइल किया और पास आने बोएंड ल दिया, मई उनके पास बैठ गया। भाभी ने मेरी गर्दन पकड़ी और अपने रसीले ओंठ मेरे ओंठ पर रख दिए और फिर हम दोनों एक दूसरे का रसपान में तल्लीन हो गए। मुझे वो चुंबन बहुत ही प्यारा लगा क्यूंकि जिंदगी में पहली बार किसी लड़की ने मुज़हे किस किया था, जिस तमन्ना के लिए मैं तमन्ना के लिए भटकता था वो आज पूरी हो गयी। मैंने भाभी को कसके पकड़ा धीरे धीरे मेरे हाथ उनके कमर की और गए भाभी का शरीर एकदम नाजुक था मनो जैसे कोई कोई गुलाब का फूल हो। धीरे धीरे मेरे हाथ उनके चूतड़ों पर गए और मैंने उन्हें जोर से दबा दिया। जैसे ही मैंने दबाया भाभी एकदम से मुझे पकड़ लिया और मेरे लैंड पे आके बैठ गयी। हम एक दूसरे में इतना डूब गए की क्या हो रहा कुछ पता ही नहीं था। भाभी मेरे लंड पर अपनी चूत घिस उनको, मेरा लंड भी काफी तन चूका था और पाजामे से बहार आने की कोशिश कर रहा था। भाभी ये देखा और अपना मोर्चा मेरी लैंड की तरफ मोड़ा उन्होंने मेरा पजामा उतरा मेरी अंडरवियर उतरी और फटक से मेरा लंड अपनी मुँह में ले लिया, भाभी को मेरा लंड बहुत ही पसंद आया था क्यूंकि उसे देख वो काफी खुश नजर आयी। वैसे था तो गबरू जवान ही और वर्जिन भी। भाभी लैंड को चूसती ही जा रही थी। मैं भी भाभी के बूब्स दबा रहा था, मैंने उनकी नाईट गाउन उतार फेका उनके बाल खुले छोड़ दिये, पर भाभी को ये सब से फुरसत कहा वो तो बस लंड पर टूट पड़ी मानो बहुत दिनों से भूकी हो।
मैंने पूरा जोश में चला गया और सोफे पर लेट एन्जॉय करने लगा। थोड़ी ही समय मेरा वीर्य निकलने वाला था मैंने भाभी को इसकी सुचना भी दी पर वो सुनती तब ना। मैंने भाभी के सर को जोर से अपने लंड के ऊपर दबाया और अपना वीर्य भाभी के मुँह में छोड़ दिया। भाभू ने वो सारा रास पि लिया और फिर से मेरा लैंड कुसने लगी और मेरे लंड को पहले से ज्यादा मोटा और सख्त बना दिया। फिर वो उठी हम दोनों एक दूसरे को फिरसे चूमने लगे। इस बार भाभी पूरी नंगी थी क्या बबबस लग रहे थे उनके जैसे पके आम, मैंने उन्हें चूमना सुरु कर दिया एकदम माज़ी उन्हें चाटने लगा बिच में दो बार काटा भी , उस समय भाभी थोडीसी चिलायी पर मैंने एक न सुनी , धीरे धीरे मई उनके के पेट की तरफ मूड गया क्या नावेल थी दोस्तों इसे मैंने शाम में ही देखा था। मैंने उसे खाना चालू कर दिया,, भाभी नशे में धूत मेरे सर को दबा रही थी और पूरा एन्जॉय कर रही थी। मैं और नीचे गया और उनकी टाँगे फैलादी पैंटी को उतर कर दूर फेक दिया और उनकी गोरी टांगो को चूमने लगा और फिर मैं उनकी चूत की और मुड गया, निशा की चूत एकदम साफ़ थी, एक भी झाट का बाल नहीं था। मैंने चूत का द्वार खोला और रसपान करने लगा जैसे ही मैंने चूसना चालू किया निशा ने एकदम से मेरा सर दबा दिया और सोफे पर लेट, कसमसाने लगी मछली जैसी तड़पने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था क्यूंकि ये सब मैंने ब्लू फिल्म में बस देखा था पर आज ये सब असलियत में कर रहा था। मै भाभी की चूत को चाट ही रहा था की निशा भाभी ने मुज़हे रोका और कहा की अब रहा नहीं जा रहा जान प्लीज तुम्हारा ये अवजार मेरी चूत में डालो और मेरी प्यास बुझादो रस तो तुम कभी पी सकते हो मै अब तुम्हारी ही हु प्लीज न जान। ये कह भाभी ने फिर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे जोर से चूसने लगी और उसे फिर से सख्त बना लिया और अपनी दोनों टंगे फैला कर लेट गयी ये मेरे लिए इशारा था मैं झट से उनके ऊपर आ गया और लंड को चूत पर घिसने लगा।
तो दोस्तों मैं आपको भाभी के बारे में बताना ही भूल गया। तो मेरे भैया की कुछ तीन साल पहले ही शादी हो गयी थी, घर में बस भैया और भाभी ही रहते है। भैया माता पिता गांव में रहते है, उनका कभी कभी आना जाता रहता है। तीन साल हो गए लेकिन भाभी को संतान नहीं हुई, क्यूंकि भैया करियर को लेके ज्यादा सीरियस रहते थे। तो ये थी भाभी की कहानी।
तो खाना कहते हुए मैं और भाभी इधर उधर बाते कर रहे थे, हम दोनों अभी काफी फ्रैंक हो गए थे। हमारा खाना हो गया और भाभी अपना काम निपटा के हॉल में आ गयी। फिर हम लोग टीवी देखने लगे, टीवी पर कुछ ऐसे खास प्रोग्राम नहीं थे, पर दूसरे रविवार था इसलिए सब आराम से चल रहा था। अचानक से भाभी ने पुछा की विशाल तुम मुझे सच सच बताना शाम जब मैं तुम्हारे पास आयी तो क्या देख रहे तुम, उनके इस सवाल से मैं फिर टेंशन में आ गया। मैंने कुछ नहीं बोला, तो ये देख भाभी मेरे पास आयी और बोली इस उम्र में ये सब चीजे नार्मल है उसमे डरने की कोई बात नहीं है। अभी तुम जवान हो तो ये होना स्वाभाविक है। भाभी की इस बात से मैं एकदम चकरा गया, मुझे कुछ समज में ही नहीं आ रहा था।
तो ये देख भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा डरो मत मैं तुम्हे कुछ नहीं करुँगी। फिर मेरी ये हालत देख उन्होंने दूसरा विषय छेड दिया, वो बोली कॉलेज में तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है, तो मैंने नहीं कहा और फिर शर्म के मारे लाल हो गया। वो तुम इतने अच्छे हैंडसम हो फिर भी कोई नहीं मैं होती तो तुम्हे पहले ही प्रपोज कर देती। ये देख मैं समाज गया की भाभी के इरादे कुछ ठीक नहीं है। मैंने भी भाभी को छेड़ते हुए कहा वो तो आप अभी भी कर सकते है, क्यूंकि आप बहुत ही जवान और खूबसूरत हो। ये सुन भाभी बोली अच्छा तुम तो मेरी तरफ देखते भी नहीं हो। ये बस भाभी की तरफ से इशारा था की आ अब तो चुदाई करते है।
मैंने भाभी को कहा की क्या मैं सच में अच्छा लगता हु तो भाभी ने कहा हां और वो हँसाने लगी हसते वक्त उनकी आँखे बहुत ही नशीली दिख रही। मैं इधर उधर नहीं देखा सीधा भाभी को किस कर दिया, मेरा ये हमला देख भाभी एकदम चौंक गयी और गुस्से से मुज़हे देखने लगी बोली ये क्या कर रहे हो। तो मैंने बोल दिया की आप मुझे बहुत अच्छी लगते हो, मई आपको पसंद करने लगा हु। भाभी बोली अगर पसंद करते हो ऐसे किस कोई करता है। थोड़ा प्यार से करो ना, ये सुन मई चौक गया मुज़हे लगा आगे अब कोई होप नहीं बची पर भाभी ने नया रास्ता दिखा दिया। मैंने उनको कहा की आप ही सीखा दो मुझे, तो वो हँसने लगी और बोली पहले ब्रश करके आओ फिर सिखाती हु। मेरी लॉटरी ही थी क्यूंकि मेरा ये पहली बार ही था , मैं झट से ब्रश करके आ गया।भाभी सोफे पर ही बैठी थी।
भाभी मुझे देख स्माइल किया और पास आने बोएंड ल दिया, मई उनके पास बैठ गया। भाभी ने मेरी गर्दन पकड़ी और अपने रसीले ओंठ मेरे ओंठ पर रख दिए और फिर हम दोनों एक दूसरे का रसपान में तल्लीन हो गए। मुझे वो चुंबन बहुत ही प्यारा लगा क्यूंकि जिंदगी में पहली बार किसी लड़की ने मुज़हे किस किया था, जिस तमन्ना के लिए मैं तमन्ना के लिए भटकता था वो आज पूरी हो गयी। मैंने भाभी को कसके पकड़ा धीरे धीरे मेरे हाथ उनके कमर की और गए भाभी का शरीर एकदम नाजुक था मनो जैसे कोई कोई गुलाब का फूल हो। धीरे धीरे मेरे हाथ उनके चूतड़ों पर गए और मैंने उन्हें जोर से दबा दिया। जैसे ही मैंने दबाया भाभी एकदम से मुझे पकड़ लिया और मेरे लैंड पे आके बैठ गयी। हम एक दूसरे में इतना डूब गए की क्या हो रहा कुछ पता ही नहीं था। भाभी मेरे लंड पर अपनी चूत घिस उनको, मेरा लंड भी काफी तन चूका था और पाजामे से बहार आने की कोशिश कर रहा था। भाभी ये देखा और अपना मोर्चा मेरी लैंड की तरफ मोड़ा उन्होंने मेरा पजामा उतरा मेरी अंडरवियर उतरी और फटक से मेरा लंड अपनी मुँह में ले लिया, भाभी को मेरा लंड बहुत ही पसंद आया था क्यूंकि उसे देख वो काफी खुश नजर आयी। वैसे था तो गबरू जवान ही और वर्जिन भी। भाभी लैंड को चूसती ही जा रही थी। मैं भी भाभी के बूब्स दबा रहा था, मैंने उनकी नाईट गाउन उतार फेका उनके बाल खुले छोड़ दिये, पर भाभी को ये सब से फुरसत कहा वो तो बस लंड पर टूट पड़ी मानो बहुत दिनों से भूकी हो।
मैंने पूरा जोश में चला गया और सोफे पर लेट एन्जॉय करने लगा। थोड़ी ही समय मेरा वीर्य निकलने वाला था मैंने भाभी को इसकी सुचना भी दी पर वो सुनती तब ना। मैंने भाभी के सर को जोर से अपने लंड के ऊपर दबाया और अपना वीर्य भाभी के मुँह में छोड़ दिया। भाभू ने वो सारा रास पि लिया और फिर से मेरा लैंड कुसने लगी और मेरे लंड को पहले से ज्यादा मोटा और सख्त बना दिया। फिर वो उठी हम दोनों एक दूसरे को फिरसे चूमने लगे। इस बार भाभी पूरी नंगी थी क्या बबबस लग रहे थे उनके जैसे पके आम, मैंने उन्हें चूमना सुरु कर दिया एकदम माज़ी उन्हें चाटने लगा बिच में दो बार काटा भी , उस समय भाभी थोडीसी चिलायी पर मैंने एक न सुनी , धीरे धीरे मई उनके के पेट की तरफ मूड गया क्या नावेल थी दोस्तों इसे मैंने शाम में ही देखा था। मैंने उसे खाना चालू कर दिया,, भाभी नशे में धूत मेरे सर को दबा रही थी और पूरा एन्जॉय कर रही थी। मैं और नीचे गया और उनकी टाँगे फैलादी पैंटी को उतर कर दूर फेक दिया और उनकी गोरी टांगो को चूमने लगा और फिर मैं उनकी चूत की और मुड गया, निशा की चूत एकदम साफ़ थी, एक भी झाट का बाल नहीं था। मैंने चूत का द्वार खोला और रसपान करने लगा जैसे ही मैंने चूसना चालू किया निशा ने एकदम से मेरा सर दबा दिया और सोफे पर लेट, कसमसाने लगी मछली जैसी तड़पने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था क्यूंकि ये सब मैंने ब्लू फिल्म में बस देखा था पर आज ये सब असलियत में कर रहा था। मै भाभी की चूत को चाट ही रहा था की निशा भाभी ने मुज़हे रोका और कहा की अब रहा नहीं जा रहा जान प्लीज तुम्हारा ये अवजार मेरी चूत में डालो और मेरी प्यास बुझादो रस तो तुम कभी पी सकते हो मै अब तुम्हारी ही हु प्लीज न जान। ये कह भाभी ने फिर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे जोर से चूसने लगी और उसे फिर से सख्त बना लिया और अपनी दोनों टंगे फैला कर लेट गयी ये मेरे लिए इशारा था मैं झट से उनके ऊपर आ गया और लंड को चूत पर घिसने लगा।
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